सिरसा 8 अक्टूबर :
सिरसा नगर के समाजसेवी गुरविन्द्र ्मिह चुम्मण ने
महामहिम राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को पत्र भेजकर प्रदेश में होने
जा रहे विधानसभा चुनावों की स्थितियों बारे चिंता जाहिर की है । अपने पत्र
में गुरविन्द्र सिंह ने लिखा है कि प्रदेश की जनता का उहेश्य केवल विधायक
चुनने तक सीमित नहीं है अपितु एक मजबूत एवं निर्णयपरक सरकार बनाना भी
है परन्तु मौजूदा परिदृश्य को यदि देखा जाए तो जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ
पार्टियों की
में आई एकाकर वृद्धि निर्णायक परिणामों के संकेत नहीं दे
रहे है, जिसके चलते कोई भी एक पार्टी विधानसभा में बहुमत प्राप्त करके
सरकार चलाने की स्थिति में नजर नहीं आती। हर एक वोटर के दिमाग में
एक पसंदीदा पार्टी है । यह हमारी विचारधारा में परिवर्तन का समय है और
निश्चित रूप से देशहित में जनता
को अपनी विनारभारा बदलनी होगी ।
यद्यपि चुनावां से
किन्हीं दो पार्टियां में भी आपसी सम्बन्ध नहीं है परन्तु
इस बात को पूरी सम्भावना है कि स्पष्ट बहुमत क
अभाव में राजनैतिक
पार्टियों सत्ता लोलुपता के कारण अवांछित शर्तो के आधार
पर अपवित्र
राजनैतिक गठबंधन विकसित कर लें
। अस्पष्ट बहुमत अपिवत्र राजनैतिक
सम्बन्ध, अस्थिर सरकार या फिर पुनर्मतदान की स्थिति में अंतत: नुक्सान देश
की जनता को ही है और यदि हरियाणावासी दिल्ली की तर्ज पर किसी भी
एक पार्टी को रूपष्ट बहुमत देने से चुक गए तो प्रदेशवासियों को 2019 या
2024 तक स्थिर सरकार हतु इतजार करना होगा और इन 5 से 10 वर्षा में
प्रदेशवासी बहुत कुछ गंवा बैठेगे । यदि स्पष्ट बहुमत का अभाव रहता है तो
राजनेताओं की सारी उर्जा प्रदेश के विकास की बजाय राजनैतिक तिकड़म व
शह और मात के खेल पर ख्च हो जाएगी और जनता को उजा भी कमाबेश
इनको चालों को समझने में लग जाएगी। नतीजन प्रदेश की विकास योजनाएं
अधूरी रह जाएगी, ठोस सरकार न हो पाने के कारण उद्योगपति प्रदेश में पूंजी
निवेश कर पाने में असमर्थ होगे और बरोजगारी बढ़ेगी, सरकारी योजनाओं का
क्रियान्वन नहीं होगा जिससे गरीबी में भी इजाफा होगा, विकास की गति से
कदमताल न मिला पाने की स्थिति में अततः प्रदेश की गिनती विकसित की
बजाए पिछड़े प्रदेशों में होगी। उन्होंने यह भी मांग की है कि देश के विकास
एवं उत्थान के महद्देनजर हमें संविधान में भी समयानुसार संशोधन की
आवश्यकता है ।